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Patriotic Poem In Hindi With Images

Patriotic Poem In Hindi With Images  दोस्तों, मेरा अभिनंदन स्वीकार करें..  मित्रों, आज आपलोगों के समक्ष, हमने थोड़ा सा हटके देशभक्ति से संबं...



Patriotic Poem In Hindi With Images



 दोस्तों, मेरा अभिनंदन स्वीकार करें.. 



मित्रों, आज आपलोगों के समक्ष, हमने थोड़ा सा हटके देशभक्ति से संबंधित एक खास Patriotic Poem In Hindi With Images लाई है। आप Independence Day Poem और Republic Day Poem के रूप में भी इसे पढ़ सकते हैं। 



दोस्तों, हम सबों के लिए देश ही सबसे बड़ा है और देश से बड़ा कुछ भी नहीं, कहीं भी नहीं। निज स्वार्थ हर किसी के अंदर है, परन्तु देशभक्ति ही हमारा लक्ष्य होना चाहिए। हमें इस तरह बनना चाहिए कि हमारी आने वाली पीढ़ी भी हमसे बेहतर हो देशभक्ति के मामले में। 

दोस्तों, तात्पर्य एक ही है, यदि जनता महान हो तो देश स्वभाविक रूप से महान बनेगा, इसमें कोई दो राय नहीं है। 



आज जो हमने देशभक्ति कविता लाई है, आप उसमें जनता की महानता और जनशक्ति की खूशबू महसूस कर सकेंगे। 



इस कविता को आप राष्ट्रहित में अपने मित्रों से अवश्य साझा करें। 





Patriotic Poem In Hindi With Images



जनता भारी होती है जब... बिगुल बज जाती है

ताण्डव होते होते... सत्ता सज जाती है 





पेड़ के टूटे पत्तों से लेकर पाषाण की मूरत तक 

सत्याग्रह चलता रहता है... पापियो के स्वाहा तक



परिंदो में जैसे बेचैनी छा जाती है

सत्ताधारियो पे मानो मौत आ जाती है



वजह बेवजह ये शोर नहीं मचाते हैं

ये जनता है राष्ट्र हित में सत्ता सजाते हैं


Patriotic Poem In Hindi


www.shayareishq.com



जनता है वही, सत्ता भी वही, बस वक़्त बदल गया

ज़ुल्म तब भी थे... अब भी है... बस रक्त बदल गया

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सीने में दबी आग के लिए बस, चिंगारी काफी है

सिंहासन के डाँवाडोल के लिए, जनश्रृंगारी काफी है



ये आँगन सुलग चुकी है

पापियों के लिए नरक द्वार खुल चुकी है.. 



जो हक़दार उसके सिर पर शेहरा रचाते हैं

ये जनता है राष्ट्र हित में सत्ता सजाते हैं.. 



आँधियों से और तूफानों से लड़कर ये आगे बढ़ते रहेंगे

वतन के फ़तेह पर सर्वदा चढ़ते रहेंगे.. 

www.shayareishq.com

    

Patriotic Poem In Hindi With Images



वर्षो से सत्ता की कठपुतली थी ये जनता

नए खून के आगोश से लड़ने की मिली अब क्षमता.. 



सिंह सा नाद करते हुए ये नदियों को पार कर रहे हैं

महलों को खाली करने का वक़्त आ गया अब जनता संहार कर रहे है.. 



देश की जगह जो खुद की सेवा करे इनसे ये भागते हैं

ये जनता है राष्ट्र हित में सत्ता सजाते है.. 



वर्षों से खून बहाया अब नहीं

अब हक़दार वही जो है सही


वक़्त बदलते देर नहीं लगती 

द्रोहियो के सर सत्ता नहीं सजती.. 


तुम जानते हो एकता तुम्हारी ताकत

हिंसा पर उतर आना तुम अब बहुत हुई शराफत.. 



देश के लिए भ्रष्टो के खून से नहाती है

ये जनता है राष्ट्र हित में सत्ता सजाती है.. 




Janta bhari hoti hai jab.. Bigul baj jati hai

Tandav hote hote.. Satta saj jati hai


Ped ke toote patton se lekar paashan ki moorat tak

Satyagrah chalta rehta hai.. Papiyon ke swaha tak


Parindon mein jaise bechaini chha jati hai

Sattadhariyon pe maano maut aa jati hai


Wajah bewajah ye shor nahi machate hain

Ye janta hai rashtra hit mein satta sajate hain


Janta hai wahi, Satta bhi wahi, Bas waqt badal gya

Julm tab bhi the.. Ab bhi hai.. Bas rakt badal gya.. 


Seene mein dabi aag ke liye bas, chingari kafi hai

Sinhaasan ke danvadol ke liye, janshringari kafi hai


Ye aangan sulag chuki hai

Papiyon ke liye narak dwar khul chuki hai.. 


Jo hakdaar uske sir pr shehra rachate hain

Ye janta hai rashtra hit mein satta jate hain.. 


Aandhiyon se aur toofano se ladkar ye aage bdhte rhenge

Watan ke fateh par sarvada chadhte rahenge.. 


Varshon se satta ki kathputli thi ye janta

Naye khoon ke aagosh se ladne ki mili ab kshamta.. 


Sinh sa naad karte huye ye nadiyon ko paar kar rahe hain

Mahlon ko khali karne ka waqt aa gya ab, ab janta sanhaar kar rahe hain.. 


Desh ki jagah jo khud ki sewa kare inhse ye bhagte hain

Ye janta hai rashtra hit mein satta sajate hain.. 


Varshon se khoon bahaya ab nhi

Ab hakdaar wahi jo hai sahi.. 


Waqt badalte der nahi lagti

Drohiyon ke sar satta nahi sajti.. 


Tum jante ho ekta tumhari takat

Hinsa par utar aana tum ab bahut huyi sharafat.. 


Desh ke liye bhrashton ke khoon se nahati hai

Ye janta hai rashtra hit mein satta sajati hai.. 






दोस्तों, ये पंक्तियाँ नहीं हैं, हमारी हकीकत है। 



मुझे उम्मीद है, ये हिंदी देशभक्ति कविता आप सबों को अवश्य पसंद आई होगी। 



धन्यवाद!!!

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