How to write shayari , Structure of shayari , Shayari kaise likhe , kaafiya radif kya hai नमस्कार मित्रो , स्वागत है आपका सभी हमारे वेबसाइ...
How to write shayari , Structure of shayari , Shayari kaise likhe , kaafiya radif kya hai
नमस्कार मित्रो , स्वागत है आपका सभी हमारे वेबसाइट ( shayareishq.com ) पर। दोस्तों आप सभी ने कभी न कभी , कही न कही शायरी सुनी या कही जरूर होगी। चाहे वह Youtube पर सुनी हो या किसी के whatsapp status पर। लेकिन क्या आप जानते है शायरी लिखे का सही तरीका ? क्या आप चाहते है की आप भी quality shayari लिखे ? क्या आप भी हिंदी में शायरी (hindi me shayari) लिखना चाहते है ? क्या आप भी शायर कैसे बने ( How to become shayar ) का जवाब ढूँढना चाहते है? अगर इस सभी सवालों का जवाब हाँ है तो बने रहिये हमारे साथ और इस ब्लॉग पूरा पढियेगा तभी आपको अच्छे से समझ आएगा।
ढूंढते है जवाब इस सवाल का :
" Shayari kaise likhe "
शायरी का मतलब :
देखा जाए तो आजकल लोग बस तुकबंदी को शायरी का नाम देकर मन ही मन खुश होते है जिसमे ना तो काफिया होता है ना ही रदीफ़ , अब ये दो चीज़े क्या है ये मैं आपको आगे बताता हू।
जब वो लोग इस तुकबंदी को शायरी का नाम देकर किसी मंच पर सुनाएंगे जहा पर जानकार लोग मौजूद होंगे तो तालिया तो काम फ़ज़ीहत ज्यादा झेलनी पर सकती है। इसीलिए आज के ब्लॉग में हम आपको बताएँगे की आप सही तरीके से शायरी कैसे लिखे।
शायरी लिखने से पहले उसका सही मतलब जानना बहुत जरुरी होता है। शायरी हिंदी - उर्दू - फ़ारसी भाषा का एक प्रचलित विधा है। यह एक छोटे से कविता का रूप होता है जिसमे चार पंक्तियाँ होती है। पहली की दो पंक्तिया संतुकांत ( जिसके तुक मिलते हो , उदाहरण : शायरी - डायरी , खाया - गाया , प्यार - व्यापार ) तीसरी पंक्ति अतुकांत होती है और अंतिम पंक्ति जिसे शायरी की जान भी कही जाती है वो वापस से पहली दो पंक्तियों के संतुकांत होती है।
उदाहरण के लिए मेरी एक शायरी है :
नज़र के सामने आये , कोई कुछ काम हो जाए
धडकती सी सीने को कुछ हमे आराम हो जाए
मिठाई समझ कर जो बाँट दिया गलियों में
कोई बन उनपर आ जाए , हमारी शाम हो जाए
अब ध्यान से देखिये ,
पहली पंक्ति में एक संतुकांत शब्द है : काम
दूसरी पंक्ति में एक संतुकांत शब्द है : आराम
तीसरी पंक्ति में कोई भी संतुकांत शब्द नहीं है
चौथी पंक्ति में एक संतुकांत शब्द है : शाम
तो आपको shayari ka basic format समझ आ गया होगा। अभी नियमो के फेर में ज्यादा मत परिये बस जो सामान्य स्ट्रक्चर है शायरी का उसको फॉलो कीजिये।
मैंने ऊपर दो शब्दों का ज़िक्र किया था : काफिया और रदीफ़
काफिया और रदीफ़ क्या होता है ?
काफिया कुछ नहीं बस जो संतुकांत शब्द होते है , उन्हें ही काफिया कहते है
किन्तु काफिया के बाद आने वाले शब्दों को रदीफ़ कहते है
उदाहरण के लिए ऊपर वाली शायरी में संतुकांत शब्द है : काम , आराम , शाम ; ये तीन शब्द ही उस शायरी के काफिया है और इन शब्दों के बाद आने वाला शब्द जो की है : " हो जाए " ये दोनों शब्द ही ऊपर वाले शायरी के रदीफ़ है।
आपने गौर किया होगा काफिया ( संतुकांत ) तो हर पंक्ति में बदल रही है ( तुक सामान है , उस तुक के शब्द बदल रहे है ) लेकिन जो रदीफ़ है वो हर पंक्ति में समान है।
इससे यह पता चलता है की काफिया के शब्द हर पंक्ति में बदलती है पर रदीफ़ समान रहता है।
दोस्तों उम्मीद करता हूँ काफिया - रदीफ़ और के बारे समझ आया होगा। Shayari kaise likhe के अगले पार्ट में हम बात करेंगे कुछ नियमो के बारे में | तब तक आप मेरी शायरी पढ़ सकते है : Shayari Padhe
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